Bars Bars Bars And Liquor Shops Everywhere :(

Big Daddy

Super User
Don't blame the west for your problems. The 18th constitution amendment in the US banned liquor because many thought that blacks drink liquor and rape white women. The 21st amendment repealed the 18th amendment.

I disagree with a lot of what is said here, but to keep things short, alcohol consumption is an absolute must for countries that do not have extensive mental health help. The causality between alcohol and bad behavior is not established. It is possible that alcohol actually curbs bad behavior by making people sober. It does, however, impair people from operating machines and driving.
 

citymonk

Super User
. It is possible that alcohol actually curbs bad behavior by making people sober.
Maybe that is why Indian Army provides daily rations to all ranks. I do not know if Pakistan Army also does same but I know Pakistani Border post personnel do expect their Indian counterparts to share some of alloted alcohol rations with them.

Pakistan is Alcohol deprived country and very few have access to it, those who can drink are indeed satisfied and sober lot while Majority in deprivation category is frustrated and violent lot.
 

Yogesh Sarkar

Administrator
In a way I agree with your point, but those were different times.

In US or other western countries Liquor is not considered bad and people consume it regularly even at home and more or less are aware of their capabilities.

But in Our country, we are influenced easily by West; without realizing the consequences. We are kind of following it blindly.
This is what bothers me, I don't think we as a society are mature enough to make correct decisions.
and to top it up, we have wide variety of people from different section (Some too priviliged and some not so.)

Privileged ones abuse the system and Drive after drinking or get involve in fights.
Unprivileged ones want to be like so called Privileged ones ..
That is where you are wrong. Somras is a drink of the Gods, it is supposedly alcohol as well. Most places throughout India have their own locally brewed liquor dating back centuries if not more, along with functions that demand it as well.

It was only for a limited period that liquor was considered evil in India.
 

Big Daddy

Super User
Maybe that is why Indian Army provides daily rations to all ranks. I do not know if Pakistan Army also does same but I know Pakistani Border post personnel do expect their Indian counterparts to share some of alloted alcohol rations with them.

Pakistan is Alcohol deprived country and very few have access to it, those who can drink are indeed satisfied and sober lot while Majority in deprivation category is frustrated and violent lot.
Intoxication has some medicinal benefits. Medical marijuana is used legally. Besides, I think alcohol is often used as a sedative by dehadi mazdoors. If it was not for alcohol people may not be able to sleep. This may be the reason why BSF guys get those rations. They have to stand all day.
 
New Turn !


They may now allow to open use of Bhaang !

Bhang is an edible mixture made from the buds, leaves, and flowers of the female cannabis, or marijuana, plant.

In India, it’s been added to food and drinks for thousands of years and is a feature of Hindu religious practices, rituals, and festivals — including the popular spring festival of Holi.

Bhang also plays a role in Ayurvedic medicine and is promoted as a remedy to various ailments, including nausea, vomiting, and physical pain.





Hemp, Cannabis, Bhang Is Beneficial For Money Earning And To Cure Diseases
बड़े काम की चीज है भांग, कई बीमारियों का इलाज और पैसा कमाने का नायाब तरीका भी, जानिए कैसे
सुशील कुमार, अमर उजाला, चंडीगढ़, Updated Mon, 29 Jul 2019 12:11 PM IST
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कहते हैं भांग से नशा होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह बड़े काम की चीज है। कई गंभीर बीमारियों का इलाज है और पैसा कमाने का नायाब तरीका भी है, जानिए आखिर कैसे?

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पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ में समाजशास्त्र के प्रोफेसर विनोद कुमार चौधरी ने छह साल तक भांग पर रिसर्च किया। उन्होंने पाया कि अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, पुर्तगाल समेत कई देशों में भांग पर लगा प्रतिबंध हट गया है और अब ये देश हर साल भांग से ट्रिलियन डॉलर कमा रहे हैं। इन देशों में भांग से करीब 10 हजार प्रोडक्ट बन रहे हैं, जो बिकने के लिए भारत भी आते हैं। इसमें कपड़ा, साबुन, कॉस्मेटिक का सामान, दवाइयां, खाना, तेल आदि शामिल हैं। प्रोफेसर ने बताया है कि यदि भांग पर प्रतिबंध हटाकर इसे कानूनी बनाया जाए, तो इससे अच्छी खासी कमाई हो सकती है। एनडीपीएस एक्ट काफी उलझाऊ है, इसका सरलीकरण होना चाहिए। इसके लिए उन्होंने भारत सरकार को एक प्रस्ताव भेजा है।


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कितने प्रकार की होती है भांग
भांग का एक प्रकार कैनाबिस इंडिका है, जिसमें टेट्रा इाइड्रो कैनाबिनोल (टीएचसी) केमिकल पाया जाता है और जो नशे के लिए प्रयोग होता है। दूसरा प्रकार सताइवा है, जिसमें कैनाबिडोल (सीबीडी) पाया जाता है, जिसमें कम नशा होता है। इसकी खेती 90 से 120 दिन में तैयार हो जाती है। इसका पौधा दस से लेकर 25 फीट ऊंचाई तक जाता है। इसके लिए किसानों को ट्रेनिंग लेने की जरूरत भी नहीं पड़ती।



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ऐसे शुरू हुआ शोध
प्रो. विनोद कुमार चौधरी ने हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, उड़ीसा समेत कई राज्यों का दौरा किया। चार साल तक उन्होंने अलग-अलग समय पर जाकर इन क्षेत्रों का दौरा किया। कनाडा व ऑस्ट्रेलिया में भी गए। चीन की स्थिति को भी नजदीक से देखा। उन्होंने अपनी रिसर्च में पाया कि भारत में बनाए गए एनडीपीएस एक्ट को लेकर बहुत उलझनें हैं। किसान डर के कारण परंपरागत उत्पाद भी नहीं बना पा रहे हैं और न खेती कर रहे हैं। उत्तराखंड, हिमाचल आदि पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन का कारण भी भांग पर पाबंदी लगने को माना गया है।


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रिसर्च में उन्होंने दिखाया है कि भांग से नुकसान कुछ नहीं, लेकिन फायदे हजारों हैं। इसलिए एक्ट में बदलाव की आवश्यकता है। भांग पर सबसे पहले 1980 में अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया था, लेकिन आज वहां प्रतिबंध हटा दिया और ट्रिलियन डॉलर का कारोबार हो रहा है। बता दें कि 12 साल की रिसर्च के बाद हेनरी फोर्ड ने 1941 में पहली कार भांग से बनाई थी। इंजन में लुब्रिकेंट डाला गया था। यह कार्बन नेगिटिव कार थी। स्टील के मुकाबले हैंप प्लास्टिक से बनी यह कार हल्की थी। इस गाड़ी को यदि कभी चोट भी लग जाती थी तो वह सेल्फ रिपयेर हो जाती थी।


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विदेशों में ऐसे हो रहा भांग का प्रयोग
- चाइना में भांग का इतिहास 12 हजार साल पुराना है। भांग वहां की संस्कृति का हिस्सा है। भांग की खेती से लेकर उत्पाद बनाने तक हर प्रकार की मशीनें वहां हैं। चीन में भांग से लगभग दस हजार उत्पाद बनाए जा रहे हैं, जिनमें टैक्सटाइल कंपनियों के अलावा खाना, प्रोटीन, किचन के सामान, तेल, दवाइयां आदि शामिल हैं।
- आस्ट्रेलिया, कनाडा ने भांग पर प्रतिबंध हटा दिया है। लगभग पूरे यूरोप में इस पर लगी पाबंदी हट गई है। ऑस्ट्रेलिया में भांग से बनी कॉटन से बने सैनेटरी पैड सबसे अधिक प्रयोग होते हैं। क्योंकि दूसरी कॉटन से बने सैनेटरी पैड के प्रयोग से कई महिलाओं को कैंसर जैसी बीमारी हुई। इसलिए वहां की सरकार ने नैपकिन बनाने वाली कंपनियों पर मोटा जुर्माना लगाया।


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- पड़ोसी देश नेपाल भांग के मोटे कपड़े तैयार कर रहा है। इसके अलावा बैग, जींस, खद्दर के कपड़े बना रहा है, जो विदेशों में बिकने जा रहे हैं।
- पुर्तगाल के लोगों में सिंथेटिक नशा इतना पहुंच गया कि देश बर्बादी के कगार पर था। वहां की सरकार ने हर क्षेत्र से विशेषज्ञ बुलाए। समाजशास्त्री, मनोविज्ञानी, मेडिसिन आदि क्षेत्रों के विशेषज्ञ बुलाए। लंबे मंथन के बाद तय हुआ कि भांग को यहां पर वैध घोषित कर दिया जाए। पौधों से आने वाला नशा अधिक नुकसानदेह नहीं होता।
- इजराइल में बड़े पैमाने पर भांग का प्लास्टिक तैयार हो रहा है। इस काम में पारिवारिक महिलाएं लगी हुई हैं। इसका दुष्प्रभाव भी नहीं है। यह प्लास्टिक हाई सेल्यूलोज डेनसिटी का है, जो जमीन में कुछ ही दिनों में गल जाता है।
- अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया में भांग पर विश्वविद्यालय कोर्स करा रहे हैं, जिससे हजारों युवाओं को नौकरी मिल रही है।



भांग के पौधे

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भांग के पौधे

भांग को लीगल करने से होगा ये लाभ
भांग सिंथेटिक नशे को भगाने में सबसे अधिक कारगर है। पंजाब में फैले सिंथेटिक नशे को पुर्तगाल की तरह भगाया जा सकता है। भांग के बीज में प्रोटीन की मात्रा 28 से 33 फीसदी होती है। इसके प्रयोग से कुपोषण खत्म होगा। भांग कैशक्रॉप होने के कारण किसानों की आमदनी का बड़ा साधन बनेगी। मिर्गी, अनिद्रा, एल्जाइमर, सिजोफ्रेनिया, कैंसर आदि रोगों के लिए यह रोग प्रतिरोधक है। इससे बनने वाली टाट बिछाने के काम आएगी। भांग से बनी दीवारें 600 से 800 डिग्री तापमान को आसानी से सह सकती हैं। इसमें आग नहीं लगती। भांग नेचुरल प्यूरीफायर है, जो हवा को शुद्ध करती है। प्लाईवुड में भी इसका प्रयोग होगा। इससे बने फर्नीचर में कीड़े या दीमक नहीं लगते।


भांग के पौधे

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भांग के पौधे- फोटो : अमर उजाला

भांग से क्या-क्या उत्पाद बन रहे हैं
बॉडीकेयर प्रोडक्ट जैसे शैंपू, साबुन, मसाज ऑयल, लिपिस्टिक, क्रीम आदि बन रहे हैं। तेल बन रहा है, जो गाड़ियों में प्रयोग हो रहा है और 100 फीसदी प्राकृतिक है। इससे महक वाले व मसाज के महंगे ऑयल बन रहे हैं। घरों के निर्माण में भांग का प्रयोग हो रहा है। इसका कचरा चूना-पत्थर में डाला जा रहा है। साथ ही कुछ चिपकने वाले पदार्थ डाले जा रहे हैं। इससे बनने वाली दीवार वातानुकूलित होती हैं। सर्दी व गर्मी से बचाव करती हैं। टॉयलेट पेपर बनाने में भांग का प्रयोग हो रहा। इससे प्लास्टिक तैयार किया जा रहा है, जो जमीन में मिलकर गल जाता है। भांग से बड़ी संख्या में दवाएं बनाई जा रही हैं। भांग के नशे की मात्रा को कम करने वाली मशीनें विदेशों में हैं। नशा कम करके कई बीमारियों की दवाइयां इससे बनाई जा रही हैं। ऑस्ट्रेलिया इससे कॉफी बना रहा है। मिल्क शेक व अन्य प्रोडेक्ट तैयार हो रहे हैं। प्रोटीन पाउडर तैयार हो रहे हैं। बॉडी बिल्डर इनका प्रयोग करते हैं।


भांग के पौधे

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भांग के पौधे

भांग को तमाम देश लीगल करके ट्रिलियन डॉलर कमा रहे हैं, लेकिन भारत में इसके एक्ट को लेकर ही बहुत उलझनें हैं। इसलिएस यहां एक्ट में बदलाव की जरूरत है। भांग को लीगल करने से सरकार के खजाने में करोड़ों डॉलर पैसा ही नहीं आएगा, बल्कि कुपोषण का खात्मा भी होगा और किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी। साथ ही पलायन भी रुकेगा।
--- प्रो. विनोद कुमार चौधरी, समाजशास्त्र विभाग, पीयू


बड़े काम की चीज है भांग, कई बीमारियों का इलाज और पैसा कमाने का नायाब तरीका भी, जानिए कैसे
 
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