Four Passes Of The Western Himalayas Laden With Snow Even In July
हिमाचल के दर्रों पर जुलाई में भी पांच फीट तक बर्फ, देखें तस्वीरें
अशोक राणा, अमर उजाला, केलांग (लाहौल-स्पीति), Updated Thu, 25 Jul 2019 12:29 PM IST
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शिंकुला दर्रा - फोटो : अमर उजाला
Shinku La
जुलाई गुजरने को है, लेकिन ऊंचे दर्रों पर बर्फ की चादर जस की तस है। रोहतांग, बारालाचा, कुंजम और शिंकुला दर्रे पर ऐसा दो दशक बाद हो रहा है जब जुलाई में भी बर्फ नहीं पिघली।
July is just going to finish but Snow is as it is.
This is happening after 2 decades.
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शिंकुला दर्रा- फोटो : अमर उजाला
पश्चिमी हिमालय के इन दर्रों में अब तक बर्फ पिघल जाती थी। इस बार बर्फ के जमे रहने से 16500 फीट ऊंचा शिंकुला दर्रा अभी तक खुल नहीं पाया। यहां चारों तरफ अभी भी चार से पांच फीट बर्फ की चादर बिछी है। आवाजाही के लिहाज से बर्फ का जमे रहना परेशानी का सबब जरूर है, लेकिन पर्यावरण की दृष्टि से यह शुभ संकेत है।
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शिंकुला दर्रा- फोटो : अमर उजाला
पिछले तीन चार दिनों से घाटी में पारा सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस तक बढ़ा है, लेकिन बर्फ नहीं पिघली। बताया जा रहा है कि शिंकुला, बारालाचा समेत अन्य दर्रों में करीब दो दशक बाद ऐसा हो रहा है। वहीं देश में सबसे कम बारिश वाले लाहौल-स्पीति में इस बार सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल रहा है।
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रोहतांग दर्रा- फोटो : अमर उजाला
पर्यावरण वैज्ञानिकों का मानना है कि सर्दियों में इस बार पश्चिमी हिमालय में दशकों बाद रिकॉर्ड बर्फबारी हुई है। यही वजह है कि जुलाई अंत तक दर्रों पर बर्फ पिघली नहीं है। हालांकि रोजाना हजारों वाहनों से निकलने वाले धुएं के चलते रोहतांग दर्रे से अब बर्फ गायब होने लगी है। वहीं 16800 फीट ऊंचे बारालाचा दर्रे और शिंकुला दर्रे में पांच फीट मोटी बर्फ की परत जमी हुई है।
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बारालाचा दर्रा- फोटो : अमर उजाला
बर्फ का देर तक टिकना शुभ संकेत: सामंत
वरिष्ठ पर्यावरण वैज्ञानिक डॉ. एसएस सावंत ने कहा कि दशकों बाद जुलाई में भी बर्फ का टिकना पर्यावरण संतुलन साधने में मददगार साबित होगा। इन दर्रों में करीब दो दशक बाद जुलाई के अंत तक बर्फ टिकी है।
हिमाचल के दर्रों पर जुलाई में भी पांच फीट तक बर्फ, देखें तस्वीरें