Manimahesh Yatra: Shiva Disciples Crossed Dal Lake In Chamba Himachal
मणिमहेश यात्रा: शिव चेलों ने पार की डल झील, जयकारों से गूंजा कैलाश पर्वत
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भरमौर (चंबा) Updated Thu, 05 Sep 2019 07:43 PM IST
Manimahesh yatra - फोटो : अमर उजाला
राधाष्टमी पर मणिमहेश यात्रा के अंतिम बड़े शाही स्नान के लिए गुरुवार को हजारों श्रद्धालु पवित्र डल झील पर पहुंचे। यात्रा का मुहूर्त गुरुवार रात 8.49 बजे से शुक्रवार रात 8.43 बजे तक जारी रहेगा।
त्रिलोचन महादेव के वंशज शिव चेलों ने गुरुवार दोपहर डेढ़ बजे डल झील को पार करने की रस्म पूरी की, जिसके बाद पूरा कैलाश पर्वत शिव के जयकारों से गूंजयमान हो उठा।
शिव चेलों के झील पार करने (डल तोड़ने) की रस्म अदा होने के बाद दिन में ही सैकड़ों शिव भक्तों ने पवित्र डल में डुबकी लगाकर वापसी भी की। हालांकि, हजारों शिव भक्त राधाष्टमी के शुभ मुहूर्त पर पवित्र डल में डुबकी लगाने के लिए रुके रहे।
टोलियों में ये शिव भक्त भजन-कीर्तन करते रहे। इससे पूर्व दोपहर को डल झील की तीन बार परिक्रमा करने के बाद शिव चेले अपने निर्धारित स्थान पर आकर बैठ गए और डल तोड़ने की रस्म आरंभ हुई। कार्तिक स्वामी के चेले ने शिव चेलों की अगुवाई की।
झील में फल पकड़ने की परंपरा
kailash - फोटो : अमर उजाला
झील के एक छोर पर कार्तिक स्वामी का चेला रखवाली के लिए रुक गए। इस दौरान पवित्र डल की पूजा-अर्चना की गई। डल तोड़ने से पूर्व बलि की परंपरा थी लेकिन, न्यायालय के आदेश के बाद बलि के बजाय कच्चा नारियल काटकर झील में फेंका गया।
इसके बाद एक साथ हाथ पकड़कर शिव चेले झील में उतरे। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं भीड़ उमड़ गई। डल झील पार करने के बाद शिव भक्तों ने शिव चेलों को कंधों पर उठाकर बैठने के स्थान तक पहुंचाया।
मान्यता है कि त्रिलोचन महादेव के वंशज शिव चेलों को कंधों पर उठाने से हर मनोकामना पूरी होती है। उल्लेखनीय है कि आधिकारिक तौर पर 24 अगस्त से शुरू हुई मणिमहेश यात्रा 6 सितंबर को संपन्न हो जाएगी।
मान्यता है कि पवित्र झील में चेलों व यात्रियों द्वारा फेंके जाने वाले फलों को पकड़ने वाले यात्रियों की हर इच्छा शंकर भगवान पूरी करते हैं। आज भी यह मान्यता लोगों में विद्यमान है।
वहीं, डल के साथ ही काली माता की झील भी है। यहां पर शिव चेलों सहित यात्रियों के स्नान करने पर पाबंदी है। कुछ वर्ष पूर्व यहां पर यात्री स्नान करने के लिए उतर गए थे, जिनके शव कई दिनों बाद मिले थे।
राधाष्टमी पर मणिमहेश यात्रा के अंतिम बड़े शाही स्नान के लिए गुरुवार को हजारों श्रद्धालु पवित्र डल झील पर पहुंचे। यात्रा
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